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Daily Current Affairs, 15 January 2018
Prelims Special
One family One Job scheme of Sikkim :-
- सिक्किम के युवाओं को आजीविका देने के लिए वहाँ की सरकार ने “एक परिवार एक नौकरी” योजना की घोषणा की है.
- इस योजना के अनुसार जिस परिवार में कोई सरकारी नौकरी नहीं करता है उस परिवार के एक योग्य सदस्य को सरकारी नौकरी दी जायेगी.
‘Ama Ghare LED’ scheme :-
- ओडिशा सरकार ने “अमा घरे LED” नामक योजना का अनावरण किया है जिसमें राज्य के लगभग 95 लाख परिवारों को 4-4 LED बल्ब निःशुल्क दिए जाएँगे.
- इस योजना का कार्यान्वयन ओडिशा विद्युत सरकार निगम लिमिटेड करेगा और बल्बों को शिविर लगाकर और जन-वितरण प्रणाली केन्द्रों के माध्यम से बाँटा जाएगा.
Macedonia renamed as the Republic of Northern Macedonia :-
मेसिडोनिया की संसद ने एक प्रस्ताव पारित कर देश का नाम बदलकर उत्तरी मेसिडोनिया गणतंत्र कर दिया है.
Sarva Bhasha Kavi Sammelan :-
- चेन्नई में आकाशवाणी का सर्वभाषा सवि सम्मेलन आयोजित हो रहा है.
- यह सम्मेलन 1956 से आयोजित होता आया है जिसमें 22 भारतीय भाषाओं के 23 प्रतिष्ठित कवि एक मंच पर उपस्थित होकर अपनी श्रेष्ठ रचनाएँ सुनाते हैं.
Asian Waterbird Census (AWC) :-
- केरल के ऊपरी कुट्टनाड क्षेत्र में किये गये जलपक्षी सर्वेक्षण से पता चला है कि यहाँ 47 महाद्वीपीय और स्थानीय प्रजातियों के 16,767 पक्षी रहते हैं.
- इस सर्वेक्षण में तीन नई प्रजातियाँ देखी गईं – ग्रेटर फ्लेमिंगो, ग्रे-हेडेड लैपविंग, ब्लू-चीक्ड बी-ईटर.
- एशियाई जलपक्षी सर्वेक्षण (AWC) 1987 से चल रहा है. भारत में इसका समन्वयन प्रत्येक वर्ष बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी और वेटलैंड्स इंटरनेशनल करते हैं.
GS Paper 1 Source: The Hindu
Topic : Women of India Festival 2019
संदर्भ
दूर के दूरस्थ भागों में रहने वाली महिला कृषकों और अध्यवसायियों को जैविक-क्षेत्र में काम करने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से भारत सरकार का महिला एवं बाल विकास मंत्रालय चंडीगढ़ में त्रि-दिवसीय छठा भारतीय महिला जैविक उत्सव (Women of India Organic Festival) आयोजित कर रहा है.
मुख्य तथ्य
इस उत्सव में जैव उत्पादों का एक विशाल भण्डार विक्रय हेतु रखा जाएगा. उन उत्पादों में सम्मिलित वस्तुएँ इन विषयों से सम्बंधित होंगी – भोज्य पदार्थ, कपड़े, फर्नीचर, स्वास्थ्य, व्यक्तिगत देखभाल और सौर उपकरण.
उत्सव का माहात्म्य
- इस पहल से महिला उद्यमियों को लाभ पहुंचेगा और साथ ही जैविक भोज्यपदार्थ और उत्पादों को सक्रिय प्रोत्साहन भी मिलेगा.
- इस उत्सव के माध्यम से जैविक पदार्थों से स्वास्थ्य और पर्यावरण को होने वाले लाभों का परिचय दिया जायेगा.
- इस उत्सव से आर्थिक गतिविधियों में संग्लन महिलाओं को अपने उत्पाद प्रदर्शित करने का एक मंच मिलेगा.
- भारतीय महिला जैविक उत्सव से दूरस्थ क्षेत्रों में जैविक उत्पाद के निर्माताओं को टिकाऊ और सुलभ विक्रय-केंद्र प्राप्त होंगे.
GS Paper 1 Source: Times of India
Topic : Hunar Haats
संदर्भ
हाल ही में वित्त मंत्री अरूण जेटली ने नई दिल्ली के स्टेट एम्पोरियम कॉम्पलेक्स में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा आयोजित हुनर हाट का उद्घाटन किया.
हुनर हाट क्या हैं?
- “हुनर हाट” राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कारीगरों, मिस्त्रियों और पाक-विशेषज्ञों के लिए रोजगार का अवसर प्रदान वाला मंच हैं.
- इन हाटों का आयोजन अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा उस्ताद (USTTAD) योजना के तहत किया जाता है.
- USTTAD का पूरा नाम Upgrading the Skills & Training in Traditional Arts/Crafts for Development है.
- उस्ताद योजना अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की एक मूर्धन्य योजना है जिसका उद्देश्य अल्पसंख्यक समुदायों की पारम्परिक कलाओं और शिल्पों की समृद्ध विरासत को संरक्षित करना एवं उन्हें प्रोत्साहित करना है.
हुनर हाटों का माहात्म्य
- हुनर हाट अल्पसंख्यक समुदायों के लिए आजीविका का सृजन करते हैं और उन्हें अपनी आय को बढ़ाने का अवसर प्रदान करते हैं.
- ये अल्पसंख्यकों को एक मंच प्रदान करते हैं जहाँ वे अपनी कला, शिल्प और पाक कला का प्रदर्शन कर सकते हैं. उन्हें यहाँ अपने उत्पादों के लिए बाजार मिलता है.
- हुनर हाटों के माध्यम से अल्पसंख्यक समुदाय के कारीगरों और बुनकरों को अपनी पैत्रिक पारम्परिक कला, शिल्प को आगे ले जाने में सहायता मिलती है.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Right to Disconnect Bill 2018
संदर्भ
कर्मचारियों को अपने कार्य-जीवन को संतुलित करने और तनाव को घटाने में सहायता देने के लिए राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की सांसद सुप्रिया सुले ने लोकसभा में एक निजी सदस्य विधेयक – सम्पर्क काटने का अधिकार विधेयक, 2018 (Right to Disconnect Bill 2018) – उपस्थापित किया है.
विधेयक के मुख्य तथ्य
- उद्देश्य :- इस विधेयक का उद्देश्य कर्मचारियों के व्यक्तिगत और व्यासायिक जीवन के बीच होने वाले तनाव को घटाना है.
- इस विधयेक में यह प्रावधान किया गया है कि कोई भी कर्मचारी कार्यालय अवधि के बाद आने वाले किसी फ़ोन कॉल अथवा किसी भी प्रकार के संचार पर प्रतिक्रिया नहीं देने के लिए स्वतंत्र होगा.
- विधेयक में यह प्रस्ताव दिया गया है कि दस कर्मचारियों से अधिक कर्मचारियों वाली प्रत्येक कम्पनी में एक कर्मचारी कल्याण प्राधिकरण की स्थापना होनी चाहिए जो कार्यालय अवधि के बाद डिजिटल साधनों के लम्बे प्रयोग से कर्मचारियों पर होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में प्रतिवेदन प्रकाशित करेगा और साथ ही कर्मचारी और नौकरी देने वाले के बीच अधिकारों को लेकर होने वाली वार्ता को परिभाषित करने के लिए एक चार्टर भी तैयार करेगा.
कर्मचारियों द्वारा झेली जा रही चुनौतियाँ
- आज के युग में किसी भी कॉर्पोरेट कार्यालय में व्यावसायिक आवश्यकताओं के लचीलेपन के कारण काम और जीवन के बीच संतुलन बनाना कठिन हो गया है. किन्तु इसका समाधान भी अत्यावश्यक है क्योंकि कई अध्ययनों से पता चला है कि इस असंतुलन से कर्मचारी तनाव, दुश्चिंता और नींद की कमी जैसी व्यथाओं से गुजरने लगता है.
- जहाँ तक पारम्परिक सेवा क्षेत्र की बात है उसमें बहुत करके देखा जाता है कि काम की अवधि अनुचित रूप से लम्बी होती है और समय से अधिक काम करने के लिए कोई अतिरिक्त क्षतिपूर्ति भी नहीं दी जाती है. कई बार कर्मचारी को घर ले जाकर काम को पूरा करना पड़ता है.
विधेयक का माहात्म्य
कार्यस्थल पर आठ घंटे अथवा उससे अधिक काम करने के पश्चात् कोई भी कर्मचारी बहुत तनाव में आ जाता है और काम के अनन्तर यदि उसके पास कार्यालय से सम्बंधित कोई फ़ोन आता है तो उसका उत्तर देना उसके लिए त्रासदायक हो जाता है. विशेषज्ञों का कहना है कि काम से जुड़ा हुआ तनाव कई शारीरिक एवं मानसिक रोगों को जन्म दे सकता है जिनका बहुधा निदान भी नहीं होता है. इसका परिणाम यह होता है कि काम करने वाला आदमी न केवल अपने पेशे में अपितु व्यक्तिगत जीवन में भी कई समस्याओं से दो-चार होता है. यदि उपस्थापित विधेयक पारित हो जाता है तो इससे कर्मचारियों को काम और जीवन में संतुलन बनाने में और बेहतर जीवन जीने में सहायता करेगा.
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : National Youth Parliament Festival 2019
संदर्भ
12 जनवरी को पड़ने वाले राष्ट्रीय युवा दिवस, 2019 के संदर्भ में 2019 का राष्ट्रीय युवा संसद उत्सव आरम्भ हो गया है. इस उत्सव की थीम है – “नए भारत की आवाज बनो” तथा “समाधान खोजो और नीति में योगदान करो”.
योग्यता : इस संसद में 18 से 25 वर्ष की आयु के युवाओं को प्रतिभागिता के लिए बुलाया जाता है.
उत्सव तीन स्तर : राष्ट्रीय युवा संसद उत्सव को तीन स्तरों पर संचालित किया जाएगा –
- जिला-स्तर पर जिला युवा संसद.
- राज्य-स्तर पर राज्य युवा संसद.
- राष्ट्रीय-स्तर पर राष्ट्रीय युवा संसद.
युवा संसदों के संचालन एवं प्रबंधन में विभिन्न स्तरों पर राष्ट्रीय सेवा योजना संगठन और नेहरु युवा केंद्र संगठन सहयोग करेंगे.
राष्ट्रीय युवा दिवस क्या है?
- इस दिवस को स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर हर साल जनवरी 12 को मनाया जाता है.
- इस दिवस को युवा दिवस भी कहते हैं.
- इसका मुख्य उद्देश्य स्वामी विवेकानंद के दर्शन और आदेशों को प्रचारित करना है.
- 1985 के बाद से यह दिवस बहुत धूम-धाम से मनाया जाने लगा है.
राष्ट्रीय सेवा योजना क्या है?
- राष्ट्रीय सेवा योजना भारत सरकार के युवा मामले और खेलकूद मंत्रालय द्वारा संचालित एक जन-सेवा योजना है.
- इस योजना का अनावरण 1969 में गाँधीजी की जनशताब्दी के अवसर पर हुआ हुआ.
- इस योजना के लिए डॉ. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा अनुशंसा की गई थी.
- इसका उद्देश्य शैक्षणिक संस्थानों में एक राष्ट्रीय सेवा-बल का सृजन करना था. यह योजना स्वेच्छा के आधार पर चलाई जाती है.
नेहरु युवा केंद्र संगठन क्या है?
- इसकी स्थापना 1972 में हुई थी.
- कालांतर में 1987 में यह नेहरु युवा केंद्र संगठन में रूपांतरित हो गया.
- यह संगठन युवा मामले एवं खेलकूद मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्त संगठन के रूप में कार्य करता है.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : Banks to review mudra loan book
संदर्भ
भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने बैंकों से प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के अन्दर उनके द्वारा दिए गये ऋणों की समीक्षा करने के लिए कहा है क्योंकि इस योजना के अनावरण के तीन वर्षों के अन्दर इनका अनर्जक परिसंपत्ति (NPA) 11,000 करोड़ रू. पार कर चुका है.
भूमिका
भारतीय रिज़र्व बैंक ने भी यह चिंता बताई थी कि बुरे ऋणों की मात्रा बढ़ती जा रही है. ज्ञातव्य है कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना को सफल बनाने के लिए बैंकों पर यह दबाव डाला गया था कि ऋण वितरण के लक्ष्यों को शीघ्र से शीघ्र पूरा किया जाए. लक्ष्यों को पूरा करने के फेर में बैंकों ने ऋण मांगने वालों के कागजात का सही ढंग से सत्यापन नहीं किया. इस योजना में जमानत की बाध्यता नहीं होने के कारण इसके अन्दर दिए गये ऋण को वसूलना कठिन सिद्ध हो रहा है.
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY)
- मुद्रा योजना का पूरा नाम प्रधानमन्त्री मुद्रा योजना (PMMY) है. इसका आरम्भ अप्रैल, 2015 में हुआ था. इस योजना का उद्देश्य छोटे-छोटे ऋणार्थियों को जमानत-मुक्त ऋण देना है.
- इस योजना के लिए सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई पूँजी 20,000 करोड़ रु. है. इसके तहत छोटे-छोटे व्यवसायियों को 50,000 रु. से लेकर 10 लाख रु. तक का कर्ज दिया जाता है.
- गैर-कृषि गतिविधियों के लिए 10 लाख रु. तक का मुद्रा ऋण दिया जाता है. ये गतिविधियाँ हैं – दुग्ध उत्पादन, मुर्गी पालन, मधुमक्खी पालन आदि.
- मुद्रा योजना की एक अनूठी विशेषता यह है कि इसमें एकमुद्रा कार्ड भी दिया जाता है जिसके माध्यम से ATM और कार्ड मशीन से वांछित कार्यपूँजी निकाली जा सकती है.
- मुद्रा योजना के ऋणों को इन तीन भागों में बाँटा गया है –
- शिशु (50,000 रु. तक)
- किशोर (50,001 रु. से 5 लाख रु. तक)
- तरुण (500,001 रु. से 10,00,000 रु. तक)
योजना के उद्देश्य
- जो व्यक्ति आमदनी करने के लिए खेती से अतिरिक्त कोई व्यवसाय करना चाहता है, जैसे – निर्माण, प्रसंस्करण, व्यापार अथवा सेवा और उसके पास पर्याप्त पैसे नहीं है तो वह इस योजना के तहत 10 लाख तक ऋण ले सकता है.
- मुद्रा बैंक की सहायता से सूक्ष्म वित्त संस्थानों के नेटवर्क पर नजर रखी जायेगी तथा साथ ही नए पंजीकरण भी होंगे.
- इस योजना का एक उद्देश्य वित्तीय समावेश की पहुँच को बढ़ाना है.
- इस योजना के तहत यदि लोग ऋण लेकर छोटे-छोटे व्यवसाय चलाते हैं तो रोजगार बढ़ेंगे ही, साथ में GDP में भी बढ़ोतरी होगी.
- भारत में अनौपचारिक क्षेत्र से कर प्राप्त नहीं होता है. यदि मुद्रा योजना के लाभार्थी व्यवसाय करेंगे तो आयकर देने वालों की संख्या भी बढ़ेगी जो अंततः देश की वित्तीय स्थिति के लिए लाभकारी होगा.
GS Paper 3 Source: Times of India
Topic : Trishna Gas Project
संदर्भ
राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड ने त्रिपुरा के गोमती जिले में अवस्थित तृष्णा वन्यजीव आश्रयणी में पड़ने वाली ONGC की तृष्णा गैस परियोजना को अनुमोदित कर दिया है. ज्ञातव्य है कि तृष्णा वन्यजीव आश्रयणी में ONGC ने 10-12 गैस के कुँओं की खोज की है.
राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड क्या है?
- राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (National Wildlife Board) एक वैधानिक संगठन है जिसकी स्थापना वन्यजीव सुरक्षा अधिनियम, 1972 के तहत हुई है.
- यह बोर्ड राष्ट्रीय उद्यानों एवं आश्रयणियों में अथवा उनके आस-पास स्थित परियोजनाओं का अनुमोदन करने वाला तथा वन्यजीव से सम्बन्धित मामलों की समीक्षा करने वाला सर्वोच्च निकाय है.
- राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड के अध्यक्ष प्रधानमंत्री तथा उपाध्यक्ष भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री होते हैं. इनके अतिरिक्त इस बोर्ड में 15 गैर-सरकारी और 19 पदेन सदस्य एवं साथ ही सचिव-स्तर के 10 सरकारी अधिकारी सदस्य होते हैं.
तृष्णा वन्यजीव आश्रयणी
- इस आश्रयणी (Trishna Wildlife Sanctuary) की स्थापना 1988 में हुई थी.
- इसके अंदर आने वाले भौगोलिक क्षेत्र हैं – उष्णकटिबंधीय अर्ध-सदाहरित वन, पूर्वी हिमालय का निचला भनार साल, आर्द्र पर्णपाती वन और सवाना वन-भूमि.
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